राज्य रक्षा मंत्री से मिलते राष्ट्रीय सैनिक संस्था के सदस्य
20 फरवरी HRIT , मेरठ रोड , गाजियाबाद : आज यहाँ राज्य रक्षामंत्री माननीय संजय सेठ जी से मुलाक़ात हुई | जो माननीय अनिल अग्रवाल जी द्वारा आयोजित राइजिंग इंडिया कार्यक्रम मे आए थे |
राज्य रक्षामंत्री को आतंकवाद से निपटने के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार है :
कमांडर एक होना चाहिए
कश्मीर के अंदर जब जाइंट सर्च ऑपरेशन चलाये जाते है तो उसमे फौज रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है , पेरामिलिट्री फौज गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है और पुलिस कश्मीर शासन के अंतर्गत आती है | एक बटालियन की दो कंपनियो मे ताल मेल करने में ही समय लग जाता है | यहाँ तो अलग अलग तीन मंत्रालयों का तालमेल करना है | फौज का सिधान्त है की सफलता के लिए किसी भी ऑपरेशन का कमांडर एक ही होना चाहिए
कार्यवाही तुरंत होनी चाहिए
मेरे घर मे अगर आग लग जाये तो मैं संविधान की धाराओ का विश्लेषण नहीं करता | मैं तुरंत एकशन लेता हूँ | इज़राइल ने हमास पर आक्रमण करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का इंतेजार नहीं किया बल्कि तुरंत एकशन लेना प्रारम्भ कर दिया | यह समझ से परे है की 4 आतंकी आयें और 140 करोड़ के देश मे फौजी पोस्ट पर हमला करके भाग जाये | यदि तुरंत एकशन लिया जाए तो दूसरी घटना देर से होगी या नहीं होगी |

Stand off Capability का इस्तेमाल करें
हमे पाकिस्तान मे बने आतंकियो के लॉन्च पैंड़ के लोंगीट्यूड और लेटिट्यूड मालूम है | हम अपाचे हैलिकोपटर या राफेल से अपनी सीमा मे रहते हुये लॉन्च पैड को बर्बाद कर सकते है | अंतराष्ट्रीय समूह की परवाह न करें | जब हमने सर्जिकल स्ट्राइक या बाला कोट स्ट्राइक की थी जो अंतराष्ट्रीय समूह ने चूँ भी नहीं की थी |
कश्मीर उत्तर प्रदेश नहीं है
कश्मीर के अंदर हिंदुस्तान की एक तिहाई से भी ज्यादा सेना तैनात है | यहाँ का राज्यपाल कोई फौजी होना चाहिए | नागरिक राज्यपाल के खिलाफ कोई लानछन नहीं है बल्कि बताना ये चाहते हैं की साधारणत : नागरिक को ओपरेशनल ऐरिया के ग्राउंड बंकर मे एक रात बिताने का भी अनुभव नही होता जब आर्टिलरी शेलिंग हो रही हो |
कम से कम एक देश द्रोही नेता पर तो कार्यवाही करें
कश्मीर के एक नेता कहते है की पाकिस्तान ने चुड़ियाँ नहीं पहन रखी | वो ही नेता कहते है की हिंदुस्तान की फौज और पाकिस्तान के आतंकियो मे साठ गांठ है | वो ही नेता ये भी कहते है की अगर चीन की हुकूमत हिंदुस्तान मे आ जाये तो अच्छा है और वो ही नेता पत्थर बाज युवको का और आतंकी घटनाओ का परोक्ष या अपरोक्ष समर्थन करते है | यदि एक व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जाये तो बाकियों को इबरत हासिल होगी | ये ही फौज का सिद्धांत है |
सरहद पर पूर्वी सैनिको को बसाया जाए
कोई आतंकवादी घटना तब तक नहीं हो सकती जब तक उसे हमारे देश के अंदर से सहयोग न मिल रहा हो | ये सहयोग देने वाले स्लीपर सेल या ओवर ग्राउंड वर्कर सरहदी गांवो मे निवास करते हैं | 60-70 हजार सिपाही भरी जवानी मे हर साल सेवा निवृत होते हैं | और अब तो अग्निवीर भी आने वाले है | यदि उनमे से इच्छुक सिपाहियो को सरहदी इलाके मे कृषि योगी भूमि देकर बसा दिया जाये तो मजाल है की कोई ड्रग स्मगलर या हथियारो की तस्करी या घुसपेठ हो जाये चूंकि प्रत्येक सिपाही कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और ईमानदारी का प्रतीक होता है
स्कूलो मे प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू करें
8वीं क्लास के बच्चे के दिमाग मे अगर संविधान की धारा 51 ए में दिये गए 11 कर्तव्यो को उदाहरण देकर समझा दिया जाए तो वो चूंकि कच्ची मिट्टी के होते है यानि उस उम्र मे जो बता दिया जाता है वो जिवन भर याद रहता है | अर्थात वो बच्चा जिवन मे न तो देश की संपत्ति को जलाएगा और न ही महिलाओ के साथ वो करेगा जो हो रहा है | यानि वो एक अच्छा नागरिक भी बन जाएगा और एक सैनिक बनने की नींव भी पड़ जाएगी | प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण के लिए ड्राफ्ट सिलेबस संलग्न है | ये काम राष्ट्रीय सैनिक संस्था पूरे देश मे करने के लिए तैयार भी है और सक्षम भी है |
राष्ट्रीय सैनिक संस्था एक 24 वर्ष पुराना , पंजीकृत , अराजनैतिक और ऐसा विशेष संगठन है जिसमे पूर्व सैनिक और देश भक्त नागरिक दोनों ही शामिल हैं | देश भक्ति का जागरण , शहीद सिपाहियों के परिवारों का सम्मान , देश मे व्याप्त कुरीतियो के खिलाफ आवाज उठाना और स्कूलो मे प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण इसके उदेशयों मे शामिल हैं | राष्ट्रीय सैनिक संस्था का सूक्ष्म परिचय संलग्न है | निवेदन है की हमे साक्षात्कार के लिए समय देने की कृपा करें |