
NGOs को कुत्तो के बांध्यकरण के ठेके नगर निगम तुरंत निरस्त करें
गाजियाबाद मे पिछले 4 साल मे रेबीज के इंजेक्शन की संख्या 50 गुणा बढ़ चुकी है
28 सितंबर 2025 , जंतर मंतर , नई दिल्ली – आज यहाँ एंटी रेबीस दिवस पर कुत्तो की समस्याओ के समाधान के लिए एक धरना प्रदर्शन किया गया | धरना प्रदर्शन का नेत्रत्व भारत सरकार की संसद के पूर्व कार्य मंत्री माननीय श्री विजय गोयल जी ने किया और आए हुये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को विस्तृत कुत्तो की समस्या और समाधान के बारे मे जानकारी दी और और आगे की रणनीति भी बताई |
इस अवसर पर कोरवा-यूपी के मुख्य संरक्षक, आर डब्लू ए फेडरेशन और फ्लेट ओनर फेडरेशन गाजियाबाद के चेयरमेन कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कहा की एक कुतिया एक साल मे दो बार बच्चे देती है | एक बार मे 8 से 10 बच्चे यानि एक साल मे 20 बच्चे | आदमी के घर मे ज्यादा से ज्यादा एक साल मे एक बच्चा | यानि 2047 तक जब भारत विकसित देश बनेगा तब कुत्तो की संख्या वर्तमान मे 12 करोड़ से बढ़कर लोगों की संख्या के बराबर हो जाएगी | इसलिए कुत्तो के बांध्यकरण की चिल्लाती हुई आवश्यकता है | लेकिन ये हो कैसे ? बांध्यकरण का काम सीधे नगर निगम भी कर सकता है या उसे NGO को दे सकता है | अधिकतर NGO Dog Lover के ही है जिनहे देश के बाहर से पैसा मिलता है | ज़्यादातर NGO 10 कुत्तो का बांध्यकरण करके वही अंग एक रेफ्रीजिरेटर मे निकालके दूसरे रेफ्रीजिरेटर मे दिखा देते है | यानि बांध्यकरण 10 कुत्तो का हो ,दिखाया जाता है 100 कुत्तो का | इसलिए कुत्तो को बांध्यकरण का काम NGO को न देकर नगर निगम ईमानदारी से स्वयम करें |
ABC ( Animal Birth Control ) के नियमो मे बदलाव होना चाहिए | यानि कुत्तो को जिस जगह से उठाया गया है उसे वही वापस छोड़ना हो , यह जरूरी नहीं है | जब संविधान मे बदलाव हो सकते है तो ABC के नियमो मे क्यों नहीं ?
नगर निगम कुत्तो के फीडिंग पॉइंट को चिन्हित करने मे तनिक भी देर न करें | बाद मे सब लोगों ने एक स्वर मे कहा की समय पर समाधान न होने के कारण ही लद्दाख जैसी घटनाए होती है |
स्वाति बंसल – 0120-4553238
कार्यालय अधीक्षक